🪔 दीपावली के पाँच दिन – पर्व का महत्व, पूजा विधि और धार्मिक कथा
🌟 परिचय
दीपावली, जिसे “प्रकाश का पर्व” कहा जाता है, हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। यह केवल एक दिन का नहीं, बल्कि पाँच दिनों तक चलने वाला महापर्व है।
हर दिन का अपना अलग महत्व, पूजा-विधि और पौराणिक कथा होती है।
दीपावली के पाँच दिन इस प्रकार हैं —
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धनतेरस
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नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली)
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लक्ष्मी पूजा (मुख्य दीपावली)
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गोवर्धन पूजा
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भाई दूज
🪙 पहला दिन – धनतेरस (Dhanteras)
📅 तिथि: कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी
यह दिन धन और आरोग्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
इसीलिए इस दिन सोना, चाँदी, बर्तन या धन खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है।
🕉 पूजा विधि:
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घर की सफाई कर दीपक जलाएँ।
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दक्षिण दिशा में धन्वंतरि भगवान की पूजा करें।
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बर्तन, गहनों या धन पर हल्दी-कुमकुम लगाकर पूजा करें।
🌺 विशेष मान्यता:
इस दिन यम दीपदान करने की भी परंपरा है — मृत्यु से रक्षा के लिए घर के बाहर दक्षिण दिशा में दीपक जलाया जाता है।
🌸 दूसरा दिन – नरक चतुर्दशी (Chhoti Diwali / Kali Chaudas)
📅 तिथि: कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी
इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक असुर का वध किया था और धरती को भयमुक्त किया था। इसलिए इसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली कहा जाता है।
🕉 पूजा विधि:
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प्रातः स्नान से पहले उबटन (आटा, तेल, हल्दी, चंदन) लगाना शुभ माना जाता है।
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संध्या समय दीप जलाकर भगवान कृष्ण और माता काली की आराधना करें।
🌺 विशेष मान्यता:
इस दिन दीप जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और सुख-समृद्धि आती है।
🪔 तीसरा दिन – दीपावली (Maha Lakshmi Pujan)
📅 तिथि: कार्तिक अमावस्या
यह दिन दीपावली का मुख्य दिन है — माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कुबेर की पूजा का पर्व।
मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे थे और नगरवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।
🕉 पूजा विधि:
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संध्या समय घर को दीपों और सजावट से सजाएँ।
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माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों को पूजास्थल पर विराजमान करें।
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पंचामृत से स्नान कराकर पूजा करें — पुष्प, चावल, मिठाई, फल, और दीप अर्पित करें।
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कुबेर पूजन करें और धन की वृद्धि की प्रार्थना करें।
🌺 विशेष मान्यता:
माँ लक्ष्मी इस रात घर में प्रवेश करती हैं — इसलिए घर की सफाई, प्रकाश और सकारात्मकता बनाए रखना आवश्यक है।
🏞 चौथा दिन – गोवर्धन पूजा (Annakoot / Govardhan Puja)
📅 तिथि: कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा
इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र के क्रोध से गोकुलवासियों की रक्षा की थी।
इसलिए इस दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का आयोजन होता है।
🕉 पूजा विधि:
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गोबर या मिट्टी से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाएँ।
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अन्न, सब्जी, मिठाई आदि के 56 भोग अर्पित करें (जिसे अन्नकूट कहा जाता है)।
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“गोवर्धन महाराज की जय!” का जयकारा लगाएँ।
🌺 विशेष मान्यता:
यह दिन प्रकृति और गौ सेवा को समर्पित माना गया है।
👩❤️👨 पाँचवाँ दिन – भाई दूज (Bhai Dooj / Bhaiya Dooj)
📅 तिथि: कार्तिक शुक्ल द्वितीया
इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख की कामना करती हैं।
कथा के अनुसार, यमराज अपनी बहन यमी (यमुना) के घर गए थे और उसने उनका स्वागत किया।
तभी से यह दिन भाई-बहन के प्रेम का पर्व माना जाता है।
🕉 पूजा विधि:
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बहन भाई को तिलक लगाकर आरती करती है।
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मिठाई खिलाती है और रक्षा सूत्र बाँधती है।
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भाई बहन को उपहार देता है।
🌺 विशेष मान्यता:
इस दिन भाई यदि बहन के घर भोजन करे, तो उसे यमराज का भय नहीं रहता।
✨ निष्कर्ष
दीपावली का पाँच दिवसीय उत्सव केवल प्रकाश और धन का प्रतीक नहीं, बल्कि सदाचार, प्रेम, परिवार और अध्यात्म का उत्सव है।
हर दिन एक अलग संदेश देता है —
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धनतेरस: स्वास्थ्य और समृद्धि का
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नरक चतुर्दशी: बुराई पर अच्छाई की जीत का
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दीपावली: आत्मा के प्रकाश का
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गोवर्धन पूजा: प्रकृति और भक्ति का
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भाई दूज: प्रेम और परिवार का
❓ FAQs (Frequently Asked Questions)
Q1. दीपावली कब मनाई जाती है?
➡️ दीपावली हर वर्ष कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है।
Q2. दीपावली का मुख्य दिन कौन-सा होता है?
➡️ तीसरा दिन – अमावस्या की रात – को मुख्य दीपावली माना जाता है।
Q3. दीपावली के पाँच दिन कौन-कौन से हैं?
➡️ धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज।
Q4. दीपावली क्यों मनाई जाती है?
➡️ भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में।
Q5. दीपावली 2025 में कब है?
➡️ दीपावली 2025 में 20 अक्टूबर (सोमवार) को मनाई जाएगी।