🪙 धनतेरस 2025 – पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा और महत्व
🌟 धनतेरस क्या है?
धनतेरस दीपावली का पहला दिन होता है, जो कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
यह दिन धन (समृद्धि) और आरोग्य (स्वास्थ्य) दोनों का प्रतीक है।
धनतेरस का अर्थ है —
‘धन’ + ‘तेरस’ = धन का दिन (तेरस तिथि पर मनाया जाने वाला धन का पर्व)।
इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन स्वास्थ्य, धन, और समृद्धि की देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
📅 धनतेरस 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
| विवरण | तिथि / समय |
|---|---|
| पर्व तिथि | रविवार, 19 अक्टूबर 2025 |
| त्रयोदशी तिथि प्रारंभ | 19 अक्टूबर, सुबह 10:12 बजे |
| त्रयोदशी तिथि समाप्त | 20 अक्टूबर, सुबह 08:46 बजे |
| धनतेरस पूजा मुहूर्त | सायंकाल 06:59 बजे से 08:23 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:43 से 12:27 बजे तक |
| यम दीपदान का समय | रात्रि 07:00 बजे के बाद शुभ माना गया है |
🪔 टिप: धनतेरस की पूजा हमेशा प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय) में की जाती है, जब त्रयोदशी तिथि प्रभावी हो।
🪔 धनतेरस पूजा की तैयारी
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घर की सफाई कर लें, विशेष रूप से मुख्य द्वार और पूजा स्थल की।
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दरवाज़े पर स्वस्तिक और शुभ-लाभ के चिन्ह बनाएँ।
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मुख्य द्वार पर आम के पत्तों और गेंदे के फूलों की तोरण लगाएँ।
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घी का दीपक जलाएँ और घर के हर कोने को रोशन करें।
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पूजा के लिए आवश्यक वस्तुएँ तैयार करें –
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भगवान धन्वंतरि की तस्वीर या मूर्ति
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पीतल का कलश
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दीपक, फूल, अक्षत, रोली, चावल
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मिठाई, तुलसी पत्ता, जल का लोटा
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🌼 धनतेरस पूजा विधि (Step-by-Step)
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संध्या समय स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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पूजा स्थल पर भगवान धन्वंतरि, लक्ष्मी जी और कुबेर देव की मूर्तियाँ स्थापित करें।
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दीपक जलाकर, “ॐ नमो भगवते धन्वंतरये नमः” मंत्र का जप करें।
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चावल से स्वस्तिक बनाकर कलश रखें और उसमें जल, सुपारी, लौंग, इलायची डालें।
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भगवान को पुष्प, फल, मिठाई, और तुलसी पत्र अर्पित करें।
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पूजा के बाद कुबेर लक्ष्मी का आह्वान करें:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।”
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घर के सभी दीपक जलाएँ और धन की तिजोरी या कैश बॉक्स में हल्दी-कुमकुम लगाकर पूजा करें।
💰 धनतेरस पर क्या खरीदें?
धनतेरस पर धातु की वस्तुएँ (विशेषकर सोना, चाँदी या बर्तन) खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है।
यह खरीदारी आने वाले वर्ष में सुख-समृद्धि और धन वृद्धि का प्रतीक होती है।
शुभ वस्तुएँ:
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सोने या चाँदी के सिक्के
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तांबे या पीतल के बर्तन
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धन्वंतरि या लक्ष्मी जी की मूर्ति
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झाड़ू (दरिद्रता नाश के लिए)
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तुलसी या धन का पौधा
⚠️ क्या न खरीदें: लोहे की वस्तुएँ, काला सामान, काँच के बर्तन या प्लास्टिक की वस्तुएँ खरीदना अशुभ माना जाता है।
🕯 यम दीपदान विधि (Yam Deep Daan Vidhi)
धनतेरस की रात यमराज को प्रसन्न करने के लिए यम दीपदान किया जाता है।
विधि:
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संध्या के बाद एक दीपक में सरसों का तेल डालें।
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चार बत्तियाँ लगाएँ और दीपक को घर के मुख्य द्वार के बाहर, दक्षिण दिशा की ओर रखें।
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यह दीपक परिवार को अकाल मृत्यु से रक्षा प्रदान करता है।
📜 धनतेरस की पौराणिक कथा
एक समय की बात है — राजा हेमंत नाम के व्यक्ति के पुत्र की जन्म कुंडली में मृत्यु का योग चौथे दिन साँप के डसने से लिखा था।
ज्योतिषी की सलाह पर उसकी पत्नी ने चौथे दिन अपने पति को कमरे में बैठाकर दीपकों, आभूषणों और सोने-चाँदी के बर्तनों से कमरा सजा दिया और कथा सुनाती रही।
रात को जब यमराज साँप के रूप में आए, तो दीपों की तेज रोशनी और गीतों से मोहित हो गए और बिना डसे लौट गए।
तब से यह परंपरा शुरू हुई कि धनतेरस की रात दीप जलाकर यमराज को प्रसन्न किया जाता है।
✨ धनतेरस का धार्मिक महत्व
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आरोग्य और स्वास्थ्य का प्रतीक — भगवान धन्वंतरि की पूजा से रोगों से मुक्ति मिलती है।
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धन और समृद्धि की प्राप्ति — कुबेर और लक्ष्मी जी की कृपा से।
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नकारात्मक ऊर्जा का नाश — दीपदान से घर में शुभता का प्रवेश।
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दीपावली पर्व का प्रारंभ — यह दिन दीपोत्सव की शुभ शुरुआत माना जाता है।
🪷 निष्कर्ष
धनतेरस का दिन न केवल धन अर्जन का अवसर है, बल्कि सकारात्मकता, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का आरंभ भी है।
जब घर में दीपक की ज्योति जलती है, तो केवल अंधकार ही नहीं मिटता — बल्कि दरिद्रता, रोग और दुःख भी समाप्त हो जाते हैं।
इसलिए धनतेरस का व्रत व पूजा पूरे श्रद्धा और विधि-विधान से करनी चाहिए।
❓ FAQs
Q1. धनतेरस कब है 2025 में?
➡️ 19 अक्टूबर 2025, रविवार को धनतेरस मनाई जाएगी।
Q2. धनतेरस पर क्या खरीदना सबसे शुभ है?
➡️ सोना, चाँदी, पीतल के बर्तन और लक्ष्मी-कुबेर की मूर्ति खरीदना सबसे शुभ माना गया है।
Q3. धनतेरस का असली अर्थ क्या है?
➡️ धन (समृद्धि) और तेरस (तेरहवीं तिथि) – यानी धन की प्राप्ति का शुभ दिन।
Q4. यम दीपदान क्यों किया जाता है?
➡️ यह दीपक अकाल मृत्यु से रक्षा और यमराज को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।