🪔 लक्ष्मी पूजा (मुख्य दीपावली) 2025 – पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, तिथि, कथा और महत्व
🌕 दीपावली (लक्ष्मी पूजा) क्या है?
दीपावली का तीसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है — इसे मुख्य दीपावली या लक्ष्मी पूजन का दिन कहा जाता है।
यह पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है।
इस दिन माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा की जाती है ताकि घर में धन, सौभाग्य और समृद्धि का वास बना रहे।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। नगरवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था — तभी से दीपावली को “प्रकाश पर्व” के रूप में मनाया जाता है।
📅 लक्ष्मी पूजा (दीपावली) 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
| विवरण | समय / तिथि |
|---|---|
| पर्व तिथि | सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 |
| अमावस्या तिथि प्रारंभ | 20 अक्टूबर, सुबह 06:51 बजे |
| अमावस्या तिथि समाप्त | 21 अक्टूबर, सुबह 05:33 बजे |
| लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (प्रदोष काल) | शाम 06:51 बजे से 08:23 बजे तक |
| प्रदीपदान का शुभ समय | सूर्यास्त के बाद 06:30 बजे से रात 08:45 बजे तक |
| निशीथ काल पूजा मुहूर्त (वैकल्पिक) | रात 11:38 बजे से 12:29 बजे तक |
🪔 टिप: लक्ष्मी पूजा हमेशा प्रदोष काल में की जाती है — जब सूर्यास्त के बाद अंधकार होता है और घर दीपों से रोशन रहते हैं।
🪙 लक्ष्मी पूजा की तैयारी
🏠 घर की सजावट और शुद्धि
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दीपावली से पहले घर की संपूर्ण सफाई और सजावट करें।
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मुख्य द्वार पर स्वस्तिक, ओम्, शुभ-लाभ के चिन्ह बनाएं।
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आम के पत्तों और गेंदे के फूलों की तोरण लगाएँ।
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पूजा स्थल को सुंदर आलपना या रंगोली से सजाएँ।
🪔 आवश्यक पूजा सामग्री
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माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की मूर्तियाँ
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दीपक (तेल या घी वाला)
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धूप, अगरबत्ती
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फूल, अक्षत, चावल
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मिठाई, सूखे मेवे
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जल का लोटा, कलश, नारियल
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लक्ष्मी जी के चरण चिन्ह
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सिक्के या मुद्रा
🌸 लक्ष्मी पूजा विधि (Step-by-Step Puja Vidhi)
🔹 1. संध्या स्नान और ध्यान
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संध्या समय स्नान कर नए, स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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मन में माँ लक्ष्मी, गणेश और कुबेर देव का ध्यान करें।
🔹 2. कलश स्थापना
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पूजा स्थल पर एक लकड़ी की चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएँ।
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उस पर कलश (जल, सुपारी, लौंग, इलायची, सिक्के) भरकर रखें।
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कलश के ऊपर नारियल और आम के पत्ते रखें — यह श्रीफल स्थापना कहलाती है।
🔹 3. माँ लक्ष्मी और गणेश पूजन
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लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियाँ चौकी पर विराजमान करें।
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अक्षत, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
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यह मंत्र बोलें —
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।”
“ॐ गणपतये नमः।”
🔹 4. कुबेर पूजा
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कुबेर देव की पूजा करें — वे धन के अधिपति हैं।
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सिक्कों या मुद्रा पर हल्दी-कुमकुम लगाकर दीपक के पास रखें।
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मंत्र जपें —
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्याधिपतये नमः।”
🔹 5. दीप आराधना
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घर के हर कोने में दीप जलाएँ।
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एक दीपक विशेष रूप से तिजोरी या कैश बॉक्स के पास रखें।
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यह लक्ष्मी के घर प्रवेश का प्रतीक है।
🌼 लक्ष्मी पूजा के बाद क्या करें
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पूजा के बाद आरती करें – “जय लक्ष्मी माता” और “ॐ जय जगदीश हरे।”
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घर के बाहर दीप जलाकर स्वागत करें।
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मिठाई और प्रसाद सबमें बाँटें।
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तिजोरी या कैश बॉक्स के पास दीप जलाकर लक्ष्मी जी का आह्वान करें।
📜 लक्ष्मी पूजा की पौराणिक कथा
एक बार देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया। उस समय समुद्र से माँ लक्ष्मी प्रकट हुईं, जो हाथों में कमल पुष्प धारण किए थीं।
उन्होंने भगवान विष्णु को अपना पति चुना। उस दिन कार्तिक अमावस्या थी।
इसीलिए इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है।
जो व्यक्ति इस दिन लक्ष्मी पूजन करता है, उसके घर में अखंड समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
💫 लक्ष्मी पूजा का धार्मिक महत्व
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धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
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पारिवारिक समृद्धि और सुख में वृद्धि होती है।
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नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता का नाश होता है।
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घर में शुभता और सौभाग्य का स्थायी वास होता है।
💡 दीपावली पर दीपदान का महत्व
दीपक प्रकाश और ज्ञान का प्रतीक है।
दीपावली की रात घर के हर कोने में दीपक जलाने से अंधकार मिटता है और माँ लक्ष्मी का प्रवेश मार्ग प्रकाशित होता है।
दीपक जलाते समय यह श्लोक बोलेँ —
“दीपज्योतिः परं ब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तुते॥”
🪷 निष्कर्ष
लक्ष्मी पूजा केवल धन-संपदा का पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक प्रकाश और कृतज्ञता का प्रतीक है।
माँ लक्ष्मी की कृपा से न केवल धन की प्राप्ति होती है, बल्कि सद्बुद्धि, शांति और संतुलन का भी आशीर्वाद मिलता है।
जब घर के हर कोने में दीप जलता है, तो केवल अंधकार नहीं मिटता — बल्कि जीवन में आशा और भक्ति का उजाला भर जाता है।
❓ FAQs (Frequently Asked Questions)
Q1. लक्ष्मी पूजा 2025 में कब है?
➡️ सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को लक्ष्मी पूजा (मुख्य दीपावली) मनाई जाएगी।
Q2. लक्ष्मी पूजा का सबसे शुभ समय क्या है?
➡️ शाम 06:51 बजे से 08:23 बजे तक का प्रदोष काल सबसे शुभ है।
Q3. दीपावली पर कौन-सी देवियों की पूजा होती है?
➡️ माँ लक्ष्मी, देवी सरस्वती और माँ काली की उपासना की जाती है।
Q4. लक्ष्मी पूजन में क्या आवश्यक है?
➡️ दीपक, कलश, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, सिक्के, पुष्प, मिठाई और कुबेर पूजन।
Q5. क्या इस दिन व्यापारियों के लिए कोई विशेष विधि है?
➡️ हाँ, व्यापारी वर्ग इस दिन नई बही-खाता (खाता पूजा) शुरू करता है।